Monday, July 27, 2020

उन लड़को के लिए जो सपने देखते है

उन लड़को के लिए जो सपने देखते है  

आशा है आप सभी स्वस्थ और आनंद में होंगेकुछ दिनों से आप लोगों से कुछ बातें कहनी थीपर आवश्यक कार्यों के कारण उन्हे नहीं कह पायालेकिन जब से आपका रिज़ल्ट आया हैतब से वे बातें कह देने का मन और भी ज्यादा होने लगा॰


 “एक बार एक लड़का था उसके बोर्ड के एक्जाम थे उसने भरपूर पढ़ाई कीऔर बाद में उसका अच्छा रिजल्ट आयावह बच्चा बड़ा खुश हुआ उसने मिठाई खाई और खिलायी

वहीं एक दूसरा लड़का था उसने भरपूर पढ़ाई कीबाद में रिजल्ट आने पर उसके अच्छे नंबर नहीं आएयह लड़का बड़ा दुखी हुआइतनी मेहनत की और फिर भी इतने कम नंबर

तीसरे लड़के को सब देखते बेलौस घूमता-फिरतामस्ती करताखेलों के मजे लेताचिंता मानों छू भी नहीं गयी हो,हाँ समय पर पढ़ाई भी करताएक्जाम के बाद में उसका रिजल्ट औसत आयायह लड़का हमेशा की तरह मौज में ही रहामानो कोई बड़ी बात न हुई हो

चौथे लड़के ने पढ़ाई नहीं की और फैल हो गयारिजल्ट आने के बाद वह बड़ा दुखी हुआ”

ये सब आप ही हैंये सब आपके बीच के ही लड़के हैंआप ही की कहानी हैं

 आप क्या हासिल करना चाहते हैंअगर बेहतर चाहते हैंतो मेहनत बहुत करनी पड़ेगीकई बार हो सकता है मेहनत के बाद भी आपका समय नहीं आया हो सकता है पर कर्मठो का भाग्य ज्यादा देर तक रूठा नहीं रह सकताइसलिए मेहनत ही बेहतर का उपाय हैतीसरा एक तरीका हैआप संतुष्ट रहिए और जीवन का आनंद लेते हुए चलिए और औसत परिणामो के साथ भी प्रसन्न रहिएअसफलता का तरीका तो सबको मालूम है ही 

 पर ये कहानियाँ पूरी नहीं हैंये सफलताएँ और असफलतायें स्थायी नहीं हैं। हो सकता है फैल हुआ लड़का कल कोई बड़ी कंपनी खड़ी कर दे और टॉपर उसके नीचे जॉब करे या इसका उल्टा भी हो सकता हैकुल मिलकर ये परिणाम अंतिम हो या आपकी योग्यता का दर्पण हों ऐसा नहीं है , ये आपकी परीक्षाओ के रिज़ल्ट बहुत छोटे हैं आप इनसे कही बड़े हैंआपकी योग्यता इनसे बड़ी हैइतिहास के बहुत उदाहरण हैंखैर नंबर गेम में फंसना ठीक नहीं ।
जब आपके रिज़ल्ट घोषित हुए तब प्रिन्सिपल सर ने कहा इनके नम्बर्स की लिस्ट बनाकर व्हाट्सप मेसेज तैयार करो और ग्रुप में सर्कुलेट करोमैंने कहा भाईसाब मैं मेसेज तो बना देता हूँ पर नंबर एड़ नहीं करूंगाये परंपरा ठीक नहींबेवजह इसमें खुश चार होते दुखी और जलन कितनों को होती। कितने लोग मानसिक दबाब में आ जाते । मुझे कहने में हिचक नहीं की आपके आए रिज़ल्ट से मैं संतुष्ट हूँ ।

पर ये महज नंबर ही तो हैंकम नंबर आने से आप रुकेंगे नहींबल्कि हो सकता है ये आपकी उन्नति की एक सीधी होजैसे कलाम साहब का पायलट की नौकरी न लगना उनके लिए वरदान बनकर आयाअगर वे पायलट हो जाते तो भारत को मिसाइल मेन कहाँ से मिलता ।
फिर आगे की बात कहूँ तो जब हम बीएड कर रहे थे तब टीचर बताते थे कि तुम्हारा ये ज्ञान केवल 30 प्रतिशत काम मे आने वाला है लेकिन तुम्हारा कौशल 70 प्रतिशत तुम्हारी मदद करेगा इसलिए पढ़ाने का कौशल सीखो, रटा हुआ तो कुछ भी काम आने वाला है नहीं, हाँ अनुभव बहुत काम आने वाले हैं
कुछ लड़के ऐसे मिले जिनके नम्बर बहुत अच्छे नहीं आये तो 12वीं के बाद उन्हें पसंदीदा कॉलेज नहीं मिला, उन्होंने हार नहीं मानी और बिजनेस में अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी और आज 24 - 25 की उम्र में सफल बिजनेसमैन हैं.
नम्बर कितने आये ये उतना मायने नहीं रखता जितना मायने रखता है हम विषय के बारे में क्या जानते हैं, कितना समझा है ।
हम नंबर तो पूरे लेकर आये लेकिन असल जीवन में प्रयोग की बात आई तो हम भूल गए, ऐसे में नंबर का क्या महत्व रह जाएगा।
ऐसा नहीं जो टॉपर्स होते हैं वे बाद में कुछ नहीं बनते या विफल हो जाते हैं बल्कि ज्यादातर टॉपर्स अपने जीवन में भी सफल ही होते हैं, पर शुरुआत से टॉप रहने वालों पर अपना खुद का प्रेशर रहता है, 10वीं टॉप किये हैं तो 12 भी टॉप करनी है, पारिवारिक ऊंची अपेक्षाएं ( high expectations), टॉपर अक्सर वो जिंदगी नहीं जी पाते जैसी वे जीना चाहते हैं।
रिजल्ट आ चुका है अपनी फील्ड चुनते वक्त अब बड़ा ध्यान देने की जरूरत है, ,सलाहें खूब लीजिये बस आप अपने निर्णय स्वयं लीजिये और आगे के लिए अपने आप को मजबूत कीजिये, आपके किये गए संघर्ष आपको तपे सोने सा निखार देंगे।

आप सभी को आपके आये रिज़ल्ट की बहुत बधाईआगे अभी लंबी लड़ाई के लिए बहुत शुभकामनाएं मेरे दोस्तो

पीयूष शास्त्री

 

  

 


उन लड़को के लिए जो सपने देखते है

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