Sunday, July 8, 2018

कायनात को

कोटा आने से पहले निश्चित किया था की रविवार को किसी एक को पत्र लिखूंगा , हाँ क्योकि मेरे  समय का सदुपयोग हो सके और किसी एक विचार को मूर्त रूप दे सकूँ , बस ये वही प्रयास है | रविवार का पत्र ; ये श्रंखला इसलिए भी प्रारंभ की है ताकि नए लोगों से और पुराने लोगों से बातचीत हो सके उनके विचार मैं जान सकूँ और अपने विचार उनसे साझा कर सकूँ , ये केवल प्रयास भर है मेरी बात आप तक पहुँचाने का और इस प्रयास की पहली कड़ी में पहला पत्र लिखा गया बाराबंकी की प्यारी सी लड़की कायनात को 
पत्र आपके सामने प्रस्तुत है 


रंग बिरंगे दिल 
वाली लड़की
मैं यहाँ पर बिलकुल ठीक हूँ और स्वस्थ हूँ और आशा है तुम भी बाराबंकी में कुशलता पूर्वक होगी , हां जिन्दा भी

कोटा आने से पहले सोचकर आया था की रविवार को किसी एक को पत्र लिखूंगा , याने चिट्ठी अगर एंड्रोइड होता तो हाथ से लिखकर फोटो भेज देता खेर ;
कुछ चीज़े जो मुझे तुम्हे बतानी थी 
कल जो तुमने कहा था की तुम्हे कोई कमाल नहीं करना ये अच्छा संकेत है , तूफान आने से पहले लोग ऐसा ही सोचते हैं की ये शान्ति का समय है दरअसल वही सबसे रोमांचक समय होता है जब तूफान खुद की तैयारी मैं जुटा होता है |
कमाल की बात मेरे साथ होती है की आमतौर पर मैं लोगो से मिलता हूँ प्रभावित होता और कई बार आदर्श भी बना लेता हूँ पर अंततः होता ये है की वो उतना महान नहीं होता जितना हम मानते हैं दरअसल ये होता इसलिए है की हम अक्सर लोगो को एक पक्ष से देखके उसको बड़ा मान लेते है या उसके पूरे चरित्र या व्यक्तित्व को एक विशेषता के कारण कमाल का मान लेते हैं पर ऐसा होता नहीं है | ये सब बात बताने का फायदा क्या है ये सुनो , की जब हम किसी से मिले तो बिना किसी पूर्वाग्रह के और जब आदर्श बनाये तो अच्छी तरह जाँच और परीक्षा करके इससे होगा क्या की हम बाद में निराश होने से बच जायेगे , इसे आज के बाबाओ वाले पोपडम के माहोल और दूषित हवाओ के सन्दर्भ में भी पढ़ सकती हो  |
जीवन में कुछ चीज़े मैं करना चाहता हूँ इसलिए नहीं की वो बेहतरीन है या लोगो ने उन्हें अच्छा बताया बल्कि इसलिए क्योकि मैं उन्हें करना चाहता हूँ उसमे एक अच्छा शिक्षक , अच्छा पति ,  अच्छा दोस्त , अच्छा पुत्र  और थोडा बहुत लेखक बनना शामिल है | 
ये  जगजाहिर पीयूष शास्त्री की  इच्छाओ की लिस्ट है पर एक लिस्ट पीयूष बाबा की इच्छाओ की भी है पर वो बेहद जूनून और पागलपन से भरी है ये लिस्ट किसी रोज बताऊंगा तुम्हे ,,,,,
ये सब चीज़े तुम्हे बताने का फायदा ये है की मेरा खुद से किया चिट्ठी वाला वायदा पूरा हुआ और दिल का सुकून अलग से बाकि बातें फिर कभी ....................
                                                                                                                                                  पीयूष शास्त्री 
                                                                                       
                                                                                      

9 comments:

  1. एक लिस्ट पीयूष बाबा की इच्छाओ की भी है पर वो बेहद जूनून और पागलपन से भरी है ये लिस्ट किसी रोज बताऊंगा तुम्हे ,,,,, इंतजार रहेगा ।

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    1. बिलकुल बताएंगे किसी रोज इत्मिनान से

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  2. इतने सरल तरीके से लिखते हो की सब आसानी से समझ आ जाता है पीयूष

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  3. सच कहें तो मन नहीं भरा। चाहते थे चिट्ठी बहित बड़ी सी हो और उसे पढ़ते पढ़ते हम तुम्हारे अंदर तक चले जायें और थाह लें तुम्हारे अन्तस् की।

    सच कहें तो तुम महान से अधिक स्नेहिल रहोगे हमारे लिये और दावा है हमारा हम से ही कि कभी निराश नहीं होना पड़ेगा हमें।

    बहुत सारा प्यार तुम्हें और तुम्हारी चिट्ठियों को भी।

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  4. Hum bhi saran me le lo...

    Apka badda
    Sumit shastri

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    1. कोलारस
      भाईसाब शरण आपकी हम हैं

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