Sunday, October 7, 2018

नाजिया बुआ के लिए


प्रिय  बुआ, 

मैंने जब ये पत्र लिखना शुरू किया था तब मुझे नहीं पता था की इन पत्रों की क्या परिणति होगी या इनपर लोगो का क्या प्रतिसाद होगा (आज कुछ लोगो को ब्लॉग पर इन पत्रों का इंतज़ार रहता है, ये सच में सबसे ज्यादा ख़ुशी की बात होती है मेरे लिए), पर मुझे शुरुआत में ये पता था की ये कुछ चुनिन्दा लोगो को जरुर लिखूंगा और उन लोगों में आप ऊपर थी, कई रविवार ये विचार बना की आपको लिखा जाए लेकिन फिर टालता गया, लेकिन अब इसे टालना लगभग नामुमकिन है .........

 मैं आजकल कोटा में हूँ, कहते है सबे दिन जात न एक सामान मेरे साथ भी ऐसे ही हुआ, पिछला सप्ताह मेरे लिए थोडा परेशानी भरा था, इतनी सारी खुशियों के बीच अचानक से परेशान करने वाली परिस्थितियों का आ जाना थोडा झटका देता है, इनके साथ भी वही होता परेशानिया भी ज्यादा देर तक नहीं रहती....

कोटा में दिन हमेशा नए होते है, आज की सुबह कल की सुबह से अलग, मैं अक्सर जो सोचता हूँ कई बार हूबहू उसके उलट हो जाता है और कई बार जैसा सोचा था आश्चर्यजनक रूप से बिलकुल हूबहू वही हो जाता है, मैं बस इनमे तालमेल बनाने की कोशिश करता हूँ, कई बार सफल हो जाता हूँ कई बार ओंधे मुँह गिर भी पढता हूँ, लेकिन फिर उठकर तैयार हो जाता हूँ, फिर एक नयी बात सीखने...

एक बात इन दिनों में अच्छी हो गयी, जो किताबे आर्डर की थी वो सब आ गयी और उन्हें पढना शुरू कर दिया, मेरी पढने की  स्पीड घट गयी है, फिर भी विषय अच्छे से समझ आ रहा है, खेर स्पीड कवर करने के चक्कर में पहले विषय छूट जाता थ, अब उस समस्या से निजात मिल गयी है...हाँ ये आपकी ही एक पोस्ट पर पढ़ा था उतना पढो जित्ता पचा सको वर्ना वैचारिक अपच हो जाती है.... अभी आगे के लिए भी किताबें आर्डर करनी है पर कोनसी मुझे नहीं पता बस ये पता है की किताबे पढना जारी रखना है.. सो आप मुझे सुझाये कौनसी किताबें मुझे पढनी चाहिए.. मुझे हल्की फुलकी, गरिष्ट , ज्ञानवर्धक, कथात्मक, गैरकथात्मक सब किताबे पढना पसंद है बजाय मोटिवेशनल किताबो के, मुझे ये दवाई कहानियों से खाना और कहानियों से खिलाना ही पसंद है, सीधे सीधे पढो तो कई बार मैं इनसे खुद को नहीं जोड़ पता इसलिए इन्हें पढने से थोडा दूर रहता हूँ....थोड़े में मुझे वो किताबे पसंद है जो सोचने और सीखने पर जोर दे...
   
आपसे परिचय फेसबुक ग्रुप फुरसतिये से हुआ .. और उस ग्रुप से बेहतरीन लोगो से अलग अलग मिजाज़ और सीरत के लोगो को जाना... कुछ को दोस्त बना लिया कुछ से सीखने लगा और कुछ लोगो का फैन बन गया...यहाँ ये जान लेना आवश्यक है की आपका फैन भी हूँ और आपसे सीखता भी हूँ...

दरअसल मेरे पास आत्मविश्वास था, पर काम कैसे करते है इसमें अपना हाथ बिलकुल लचर था, आपको ग्रुप में काम करते देखकर.. काम करने की ट्रिक को.. किसी को ट्रेकल करने के तरीकों को देखकर काम करना सीखा... आप की लिखी कहनियाँ कई बार बच्चों को सुनाता हूँ...उन्हें खुश देखकर खुद खुश हो लेता हूँ.. और आपको याद कर लेता हूँ...जिन्दगी की कुछ इच्छाओ में एक दिली इच्छा ये है की एक दिन आपसे मिलूँ ...

                          तारीफ़ के मामले में मैं आसान नहीं हूँ लेकिन ये आपका कमाल की हर दफे मुझसे         अपनी तारीफ करवा ले जाती हो...

 कुछ सवाल जो काफी दिनों से मुझे साल रहे थे ..
.
१ कोई भी नया लड़का या लड़की जो अभी अभी दुनियादारी(जॉब, व्यापार, शादी) में उतरा हो उसे क्या चीज़े ध्यान में रखनी चाहिए ?
२ लेखन को और चुस्त बनाने के लिए क्या करना चाहिए ?
३ समय को कैसे पूरा उपयोग किया जाए.. या किन चीजों को याद रख अपना समय बचा सकते है ?
४ किसी भी चीज़(पढाई, काम, खेल, या रूचि) पर केन्द्रित कैसे रहें ?


हाजरा, खदीजा और रिबाइल को ढेर प्यार पहुँचे. ढेर सारी शुभकामनाये इन छः जोड़ी सपने भरी चमकती आँखों को ....
                                                                                                                                                                           स्नेहाकांछी
                                                                  पीयूष जैन शास्त्री  
                                                                       गौरझामर
                             Image may contain: 1 person, smiling, closeup




1 comment:

  1. बहुत सुंदर लिखा आप दोनों को प्यार मेरी तरफ से

    ReplyDelete

उन लड़को के लिए जो सपने देखते है

उन लड़को के लिए जो सपने देखते है   आशा है आप सभी स्वस्थ और आनंद में होंगे ,  कुछ दिनों से आप लोगों से कुछ बातें कहनी थी ,  पर आवश्यक कार्यो...