Monday, September 3, 2018

निक्की मौसी को


प्रिय
निकिताशा मौसी
मैं यहाँ कोटा में हूँ और कुशलता पूर्वक पूर्ण स्वस्थ हूँ, आशा करता हूँ आप भी स्वस्थ और कुशलता से जिंदगी जी रही होंगी,
      अरपंच समाचार ये है कि कोटा मेरे लिए बेहतर साबित हुआ, और मेरा मन यहाँ लग रहा है, साथ ही निरंतर नई चीजें और नई बातें यहाँ सीख रहा हूँ, बहुत दिनों से आपसे कुछ बातें कहनी थी, कुछ विचार साझा करने थे, यह पात्र उसी का प्रतिफल है;   
         दिन कितने जल्दी निकलते है पता ही नहीं चलता, और वक्त तो मुट्ठी से रेट जैसा फिसलता ही रहता है, फिर भी रह जाती है, हमारे अवचेतन मष्तिष्क में खूबसूरत यादें , जो सपनो में चैतन्य हो जाती हैं|
        दरअसल ये खूबसूरत यादें तब बनती जब हमारे विचार भी खूबसूरत हों, और अच्छे विचार हमारी सबसे महँगी और बहुमूल्य सम्पदा हैं, जिन्हें सहेजा जाना बेहद जरुरी है, क्योकि सपने इन्ही से बनते हैं,जिन्हें देखकर जिन्दा रहने का अहसास होता रहता है|
       जैसे जैसे हम किसी काम में डूबते जाते हैं, वैसे वैसे वे हमारी आदतें बनते जाते हैं, बस फर्क इतना है, अच्छी आदतें हमारे हमारे अच्छे विचारों को दिखाती हैं, और बुरी आदतें हमारे विचारों के भटकाव को दिखाती हैं|
       जैसा आजकल मेरे साथ हो रहा है
       मुझे व्यक्तित्व की विभिन्नता वाले इंसान पसंद है, ऐसा तो पूरी तरह नहीं कहूँगा, हाँ लेकिन ऐसे लोग मुझे अपनी और आकर्षित करते है, कुछ चुनिन्दा लोगों के मैं नाम भी बता सकता हूँ,पर शायद उन्हें ये अच्छा न लगे, खेर बात इतनी है, व्यक्तित्व की इस विभिन्नता के कारण फेन हूँ आपका |
       चलो आज एक और बात बताता हूँ, आपको मौसी क्यों कहता हूँ? पूछोगी क्यों.... तो जबाब यह है, मुझे मौसी आप जैसी चाहिए थी, मेरी भी मौसी है, यकीन मानिये मुझसे बेहद प्यार करती हैं, हम चारों भाई बहनों में सबसे सबसे ज्यादा मुझे उनका लाड और स्नेह मिला, पर बेहद शर्मीली और हमेशा काम के बोझ में दबी रहती हुई, भीरू स्वभाव की, पर मुझे लगता है, वो आप सी होती, जिन्दा दिल और बेबाक तो और भी खूबसूरत होती |
        मुझे बचपन में एक बात सिखा दी गयी थी, की जो मन को अच्छा लगे, वो करो, पर इतना ध्यान रखो की मन को स्वच्छंद न होने दो, निर्णय के पहले खूब सोचो और निर्णय लो, पर निर्णय लेने के बाद न सोचो, क्योकि उसके बाद सोचने का कोई फायदा नहीं, अक्सर इस सीख से मुझे फायदा हुआ|
        आजकल इन बच्चों के बीच हूँ, जो मुझे सर की बजाय भाईसाब बोलते है, बस कोशिश ये करता हूँ, इनकी आँखों की चमक कमजोर न पड़े, माँ बाप से दूर होना किसे भाता है, पर ये बच्चे ये कुर्बानी दिए हैं, इस आशा से की हम बेहतर बनेगे, कल के लिए, इसलिए मैं भी बस इसी में लगा रहता हूँ, बस ये बात मुझे खुशी से भर देती है |
        आपको एक ग्रुप से जाना जब मैं उसके पेनल में नहीं था, पर आपकी सोच और विचार मुझे बेहद प्रभावित करते थे, आपसे बहुत सी चीज़े सीखी भी – लोगों को आब्जर्व केसे करते है, किस बात को कितना महत्व देना है, कैसे लोगों कैसे व्यवहार करना है, लिखते कैसे हैं, अपनी शर्तों पर जीते कैसे है, ये तमाम बातें मुझमें बदलाव लेकर आये|
       आज भी मेरी आदत है, मैं किसी के बारे में जल्दी निर्णय नहीं करता, आपके बारे में भी यही किया, बहुत समय बाद आपके बारे में राय बनाई, और वो बिलकुल वैसी ही है, जैसी आप हैं |
        मुझे विचारों का उन्मुक्त होना पसंद है, पर उन्हें लागू कैसे करना इसमें अक्सर मात खा जाता हूँ, लेकिन इसको लगातार सीख रहा हूँ, केसे बिना नुक्सान के कोई विचार लागू किया जा सकता है| और मेरे पापा जैसा परसों कह रहे थे, जो किसी का बुरा नहीं सोचते, उनका कभी बुरा नहीं होता|
          आप बिलकुल आप सी हो और ये बात सबसे अहम है| जुलाई 2015 में अपनी डायरी में 2 बातें लिखी थी, जिन्हें आपको बताना चाहता हूँ;  
         १. वो बने बनाये रास्ते पर चलते हैं, पर हमे तो कंकड काटों पर अटे रास्तों पर अपना रास्ता बनाकर चलना है|
         २. बुराई कभी इतनी नहीं बढ़ सकती की अच्छाई का अस्तित्व पूरी तरह उखाडकर फेंक दे|
          बस इतना जानता हूँ, गर जिंदगी खेल है तो 
रो रो कायर खेलो में, आँखों में अश्रु लाते हैं                                           सच्चे खिलाडी तो खेलो में, जान लगा डट जाते हैं
  हमेशा स्वस्थ रहें और जिंदादिली बनी रहे
ढेर सारा प्यार इस छोटे से बच्चे की तरफ से  
                                                           आपका
                                                      पीयूष जैन शास्त्री
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6 comments:

  1. जिंदगी अपने अनुभव से ही आती है जिंदगी हमें अपनी हर तस्वीर के साथ एक नया रंग दिखाती है और इन में से सही रंग चुन पाना हमारी हार और जीत तय करता है मुझे बहुत खुशी है कि तुम एक समझदार बच्चे हो मुझे पता है समझदार होने के बाद भी तुमसे कई गलतियां होंगी पर तुम अपनी गलतियों से सीखोगे नहीं करोगे और एक दिन जिंदगी को रोशन कर लोगे शुभ आशीष

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